Dearness Allowance: केंद्र सरकार द्वारा 8वें वेतन आयोग के गठन की मंजूरी के बाद से ही एक करोड़ से अधिक केंद्रीय कर्मचारी और पेंशनभोगी अपने वेतन और महंगाई भत्ते (डीए) में होने वाले संभावित परिवर्तनों की कैलकुलेशन में जुटे हुए हैं। हाल ही में आई एक ताजा जानकारी के अनुसार, 8वें वेतन आयोग के लागू होने के बाद केंद्रीय कर्मचारियों का महंगाई भत्ता जीरो कर दिया जाएगा और फिर नए सिरे से शुरू होगा। इस महत्वपूर्ण फैसले का असर सभी केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों पर पड़ेगा।
सरकार का रुख और केंद्रीय मंत्री का बयान
इस साल जनवरी में केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने यह जानकारी साझा की थी कि सरकार ने 8वें वेतन आयोग के गठन को मंजूरी दे दी है। अब इसे लागू करने के लिए आगे की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। इस वेतन आयोग के लागू होने से एक करोड़ से अधिक केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को लाभ होने की उम्मीद है। सरकार के इस फैसले का कर्मचारी लंबे समय से इंतजार कर रहे थे, और अब सरकार ने महंगाई भत्ते को जीरो करने पर भी अपना रुख स्पष्ट कर दिया है।
वर्तमान महंगाई भत्ता और संभावित बढ़ोतरी
वर्तमान में केंद्रीय कर्मचारियों को उनके मूल वेतन पर 53 प्रतिशत महंगाई भत्ता मिल रहा है। पेंशनर्स को भी इतनी ही दर से महंगाई राहत (डीआर) मिल रही है। सरकार हर छह महीने में महंगाई भत्ते में संशोधन करती है, और इस साल में अभी दो संशोधन होने बाकी हैं। जनवरी 2025 में अखिल भारतीय उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (एआईसीपीआई) के आंकड़ों के अनुसार, महंगाई भत्ते में 3 प्रतिशत की बढ़ोतरी होने का अनुमान है, जिससे यह बढ़कर 56 प्रतिशत हो जाएगा।
इसके बाद इसी साल की दूसरी छमाही में यदि महंगाई भत्ते में 3-4 प्रतिशत की और बढ़ोतरी होती है, तो यह 59-60 प्रतिशत तक पहुंच सकता है। कई बार 50 प्रतिशत से अधिक होने पर महंगाई भत्ते को मूल वेतन में मिलाने की चर्चाएं हुई हैं, और अब ऐसा होता दिख रहा है।
महंगाई भत्ता शून्य होने की प्रक्रिया
8वें वेतन आयोग की सिफारिशों के जनवरी 2026 में लागू होने की संभावना है। इस समय तक महंगाई भत्ता 60 प्रतिशत के आसपास पहुंच सकता है। नए वेतन आयोग के लागू होने पर, वर्तमान महंगाई भत्ते को मूल वेतन में समाहित कर दिया जाएगा और फिर महंगाई भत्ते की गणना नए सिरे से शून्य से शुरू होगी। यह प्रक्रिया 7वें वेतन आयोग के लागू होने के समय भी देखी गई थी, जब 125 प्रतिशत तक पहुंचे महंगाई भत्ते को मूल वेतन में मिला दिया गया था।
इस प्रक्रिया से कर्मचारियों का मूल वेतन बढ़ जाएगा, जिससे उनकी सेवानिवृत्ति के बाद मिलने वाली ग्रेच्युटी और पेंशन पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। हालांकि, इस बारे में अभीसरकार की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन पिछले अनुभवों के आधार पर यही प्रक्रिया अपनाए जाने की उम्मीद है।
नए वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर का महत्व
नए वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर का विशेष महत्व होता है। 7वें वेतन आयोग में 2.57 के फिटमेंट फैक्टर के हिसाब से पेंशन और वेतन में बढ़ोतरी की गई थी। इसके परिणामस्वरूप, न्यूनतम मूल पेंशन 9 हजार रुपये और अधिकतम पेंशन 1 लाख 25 हजार रुपये मासिक हो गई थी। इसी तरह, न्यूनतम मूल वेतन 11 हजार से बढ़कर 18 हजार रुपये हो गया था।
अब 8वें वेतन आयोग में 2.86 के फिटमेंट फैक्टर लागू होने का अनुमान है। यदि यह लागू होता है, तो सेवानिवृत्त कर्मचारियों की न्यूनतम मूल पेंशन 25,740 रुपये तक बढ़ सकती है। इसके अलावा, अधिकतम पेंशन 3,57,500 रुपये प्रति माह तक पहुंच सकती है। इस हिसाब से पेंशन में लगभग 180 प्रतिशत से अधिक की बढ़ोतरी देखने को मिल सकती है।
कर्मचारियों पर होने वाले प्रभाव
महंगाई भत्ते को जीरो करने और फिर नए सिरे से शुरू करने का केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों पर विशेष प्रभाव पड़ेगा। सबसे पहले, इससे उनका मूल वेतन अधिक होगा, जिससे गेच्युटी और पेंशन बढ़ेगी। दूसरा, हर महीने मिलने वाले वेतन में स्थिरता आएगी, क्योंकि महंगाई भत्ता अब मूल वेतन का हिस्सा होगा।
हालांकि, इसका एक नकारात्मक पहलू यह भी हो सकता है कि भविष्य में महंगाई बढ़ने पर, कम प्रतिशत वाले महंगाई भत्ते से कर्मचारियों को कम राहत मिलेगी। इसके अलावा, शुरुआती दौर में महंगाई भत्ता कम होने से कुछ भत्ते, जो महंगाई भत्ते के प्रतिशत पर आधारित हैं, उनमें भी कमी आ सकती है।
नए वेतन आयोग का समय और कार्यान्वयन
8वें वेतन आयोग का गठन जल्द ही किए जाने की उम्मीद है, और यह 1 जनवरी 2026 से लागू हो सकता है। इसके कार्यान्वयन के लिए विभिन्न प्रक्रियाओं को पूरा करना होगा, जैसे आयोग का गठन, हितधारकों से परामर्श, सिफारिशों का निर्माण और फिर सरकार द्वारा अंतिम मंजूरी।
नए वेतन आयोग की सिफारिशों के लागू होने में कुछ समय लग सकता है, और इसके बाद ही कर्मचारियों को संशोधित वेतन और पेंशन मिलना शुरू होगी। इस प्रक्रिया में कुछ महीनों का समय लग सकता है, जिसके बाद कर्मचारियों को बकाया राशि के रूप में एरियर भी मिल सकता है।
8वें वेतन आयोग के गठन और महंगाई भत्ते को जीरो करने के फैसले से केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के वेतन और पेंशन में महत्वपूर्ण बदलाव आने की संभावना है। इससे उनकी वित्तीय स्थिति में सुधार आएगा और सेवानिवृत्ति के बाद के जीवन में भी आर्थिक सुरक्षा मिलेगी।
हालांकि, इन सब बातों पर अंतिम निर्णय सरकार को लेना है, और अभी इस बारे में कोई आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है।
कर्मचारियों को इन संभावित परिवर्तनों के बारे में जागरूक रहना चाहिए और अपनी वित्तीय योजना बनाने के दौरान इन्हें ध्यान में रखना चाहिए। नए वेतन आयोग की सिफारिशों से न केवल उनके वर्तमान वेतन पर, बल्कि भविष्य की पेंशन और अन्य सेवानिवृत्ति लाभों पर भी प्रभाव पड़ेगा।
Disclaimer
यह लेख केवल सूचनात्मक उद्देश्य से प्रस्तुत किया गया है। अब तक सरकार द्वारा 8वें वेतन आयोग के गठन और महंगाई भत्ते को जीरो करने के बारे में कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया गया है। इस लेख में दी गई जानकारी विभिन्न मीडिया रिपोर्ट्स और विशेषज्ञों के विचारों पर आधारित है। पाठकों से अनुरोध है कि वे अंतिम और अधिकृत जानकारी के लिए सरकारी अधिसूचनाओं और आधिकारिक स्रोतों का संदर्भ लें।