DA hike Update: भारत सरकार लगभग 1 करोड़ 20 लाख सरकारी कर्मचारियों और पेंशनरों के लिए महंगाई भत्ते (डीए) में संशोधन करने की तैयारी कर रही है। केंद्र सरकार हर साल दो बार कर्मचारियों को मिलने वाले भत्तों में बदलाव करती है। वर्तमान में कर्मचारियों को उनकी बेसिक सैलरी का 53 प्रतिशत महंगाई भत्ता दिया जा रहा है, जो आने वाले समय में बढ़ने की संभावना है।
संभावित बढ़ौतरी के परिदृश्य
विशेषज्ञों का अनुमान है कि सरकार इस बार महंगाई भत्ते में 2 से 4 प्रतिशत तक की बढ़ौतरी कर सकती है। पिछले वर्ष 2024 में सरकार ने दो बार मिलाकर 7 प्रतिशत तक डीए में वृद्धि की थी। यदि 2 प्रतिशत की बढ़ौतरी होती है, तो डीए 55 प्रतिशत तक पहुंच जाएगा। 3 प्रतिशत की बढ़ौतरी पर यह 56 प्रतिशत और 4 प्रतिशत की बढ़ौतरी पर 57 प्रतिशत तक पहुंच सकता है।
वेतन और पेंशन पर प्रभाव
महंगाई भत्ते में बढ़ौतरी का सीधा प्रभाव कर्मचारियों की न्यूनतम सैलरी पर पड़ेगा। वर्तमान में 7वें वेतन आयोग के तहत कर्मचारियों की न्यूनतम सैलरी 18,000 रुपये प्रतिमाह है। 2 प्रतिशत की बढ़ौतरी पर यह 18,360 रुपये, 3 प्रतिशत पर 18,540 रुपये और 4 प्रतिशत पर 18,720 रुपये हो सकती है। पेंशनरों को भी समान लाभ मिलने की संभावना है।
निर्णय लेने की प्रक्रिया
सरकार महंगाई भत्ते में बढ़ौतरी का ऐलान प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में होने वाली केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में करती है। इस वर्ष होली के बाद भी अभी तक आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है। अनुमान है कि सरकार जल्द ही इस सप्ताह में कैबिनेट बैठक आयोजित करके महंगाई भत्ते में बढ़ौतरी का ऐलान कर सकती है।
पेंशनरों के लिए राहत
महंगाई राहत (डीआर) में भी संभावित बढ़ौतरी की उम्मीद है। 2 प्रतिशत की बढ़ौतरी पर न्यूनतम पेंशन 13,950 रुपये, 3 प्रतिशत पर 14,040 रुपये और 4 प्रतिशत पर 14,130 रुपये तक पहुंच सकती है। यह वृद्धि पेंशनरों के लिए राहत का संकेत है, जो महंगाई के बोझ से राहत महसूस कर सकेंगे।
7वें वेतन आयोग के कार्यकाल के अंतिम चरण में, कर्मचारी और पेंशनर महंगाई भत्ते में बढ़ौतरी की उम्मीद लगाए हुए हैं। सरकार की यह पहल न केवल कर्मचारियों की आर्थिक स्थिति में सुधार लाएगी, बल्कि महंगाई के बोझ को कम करने में मदद करेगी। आने वाले समय में और अधिक जानकारी सामने आने की संभावना है।
यह लेख केवल सूचनात्मक उद्देश्यों के लिए है। महंगाई भत्ते में बढ़ौतरी के विवरण समय-समय पर बदल सकते हैं। पाठकों को सलाह दी जाती है कि वे किसी भी महत्वपूर्ण वित्तीय निर्णय से पहले आधिकारिक स्रोतों से पुष्टि कर लें।