7th Pay Commission DA Hike : केंद्र सरकार जल्द ही 50 लाख से अधिक केंद्रीय कर्मचारियों और 65 लाख पेंशनर्स के लिए महंगाई भत्ते (डीए) और महंगाई राहत (डीआर) में बढ़ोतरी का ऐलान करने वाली है। कर्मचारी लंबे समय से इस बढ़ोतरी का इंतजार कर रहे हैं। आमतौर पर सरकार साल में दो बार महंगाई भत्ते को संशोधित करती है और हर बार होली से पहले डीए में बढ़ोतरी की घोषणा की जाती है। इस बार भी ऐसी ही उम्मीद जताई जा रही थी। हालांकि, होली से पहले 12 मार्च को हुई केंद्रीय कैबिनेट बैठक में डीए हाइक को लेकर कोई फैसला नहीं लिया गया, जिससे कर्मचारियों की चिंता बढ़ती जा रही है।
सात साल में सबसे कम वृद्धि की संभावना
कर्मचारियों के लिए सबसे बड़ा झटका यह है कि इस बार महंगाई भत्ते में पिछले सात सालों में सबसे कम वृद्धि की संभावना है। अखिल भारतीय उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (एआईसीपीआई) के आंकड़ों के अनुसार, मार्च 2025 में महंगाई भत्ता सिर्फ 2 फीसदी ही बढ़ सकता है। यह वृद्धि जुलाई 2018 से लेकर अक्टूबर 2024 तक किए गए संशोधनों में सबसे कम है। पिछले सात सालों में सरकार ने हर बार कम से कम 3 या 4 प्रतिशत की बढ़ोतरी की है।
वर्तमान में देश के एक करोड़ से अधिक केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को 7वें वेतन आयोग के तहत 53 फीसदी महंगाई भत्ते का लाभ मिल रहा है। आखिरी बार डीए में अक्टूबर 2024 में वृद्धि की गई थी, जब सरकार ने इसमें 3 प्रतिशत की बढ़ोतरी करके इसे 50 प्रतिशत से बढ़ाकर 53 प्रतिशत कर दिया था। अब जनवरी-जून 2025 की अवधि के लिए महज 2 प्रतिशत की वृद्धि का अनुमान लगाया जा रहा है।
वेतन पर कितना पड़ेगा प्रभाव
डीए में 2 प्रतिशत की बढ़ोतरी से महंगाई भत्ता 53 फीसदी से बढ़कर 55 फीसदी हो जाएगा। इसका सीधा असर कर्मचारियों की मासिक सैलरी पर पड़ेगा। उदाहरण के लिए, यदि किसी एंट्री-लेवल कर्मचारी का न्यूनतम मूल वेतन 18,000 रुपये प्रति माह है, तो वर्तमान में उसे 53 प्रतिशत की दर से 9,540 रुपये महंगाई भत्ते के रूप में मिलते हैं। 2 प्रतिशत की बढ़ोतरी के बाद, यह महंगाई भत्ता बढ़कर 9,900 रुपये प्रति माह हो जाएगा, जिससे हर महीने महंगाई भत्ते में 360 रुपये की वृद्धि होगी।
इसी तरह, यदि किसी कर्मचारी का मूल वेतन 30,000 रुपये प्रति माह है, तो उसे वर्तमान में 15,900 रुपये का महंगाई भत्ता मिलता है। 2 प्रतिशत की बढ़ोतरी के बाद, यह बढ़कर 16,500 रुपये प्रति माह हो जाएगा, जिससे हर महीने 600 रुपये का लाभ होगा। हालांकि, यह वृद्धि कर्मचारियों की अपेक्षाओं से काफी कम है, जो 3 या 4 प्रतिशत की बढ़ोतरी की उम्मीद कर रहे थे।
महंगाई भत्ता कैसे निर्धारित होता है
सरकार कर्मचारियों की न्यूनतम बेसिक सैलरी में बदलाव के लिए महंगाई भत्ते में संशोधन करती है। डीए की गणना अखिल भारतीय उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (एआईसीपीआई-आईडब्ल्यू) के आधार पर की जाती है, जिसे श्रम ब्यूरो द्वारा जारी किया जाता है। सरकार पिछले छह महीनों के एआईसीपीआई-आईडब्ल्यू आंकड़ों का विश्लेषण करके अगले छह महीनों के लिए डीए में वृद्धि का निर्णय लेती है।
जनवरी से जून 2025 के लिए डीए में वृद्धि की गणना जुलाई से दिसंबर 2024 के एआईसीपीआई-आईडब्ल्यू आंकड़ों के आधार पर की जाती है। इन आंकड़ों के अनुसार, इस बार महंगाई भत्ते में केवल 2 प्रतिशत की वृद्धि की संभावना है। यह कम वृद्धि इंगित करती है कि पिछले छह महीनों में महंगाई की दर में कमी आई है, लेकिन फिर भी यह कर्मचारियों के लिए एक बड़े झटके के रूप में सामने आया है।
एआईसीपीआई आंकड़ों का महत्व
एआईसीपीआई आंकड़े महंगाई भत्ते की गणना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। ये आंकड़े देश भर में विभिन्न वस्तुओं और सेवाओं की कीमतों में हुए परिवर्तनों को दर्शाते हैं। श्रम ब्यूरो द्वारा जारी किए जाने वाले ये आंकड़े सरकार को महंगाई की वास्तविक स्थिति का आकलन करने में मदद करते हैं।
हाल के एआईसीपीआई आंकड़ों ने इंगित किया है कि देश में महंगाई की दर में कमी आई है, जिसके परिणामस्वरूप महंगाई भत्ते में कम वृद्धि की संभावना है। हालांकि, कई कर्मचारी और उनके संगठन इन आंकड़ों पर सवाल उठा रहे हैं, क्योंकि उनका मानना है कि वास्तविक जीवन में महंगाई अभी भी एक बड़ी समस्या है, और 2 प्रतिशत की वृद्धि इससे निपटने के लिए पर्याप्त नहीं है।
डीए हाइक पर कब लगेगी मुहर
वर्तमान में 50 लाख से अधिक केंद्रीय कर्मचारी और 65 लाख पेंशनर्स महंगाई भत्ते में बढ़ोतरी का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। कर्मचारियों की नजरें अगली कैबिनेट बैठक पर टिकी हैं, जिसमें महंगाई भत्ते में बढ़ोतरी पर अंतिम मुहर लग सकती है। हालांकि, अभी तक इस बैठक की तारीख की घोषणा नहीं की गई है।
सरकार द्वारा महंगाई भत्ते में वृद्धि की घोषणा के बाद, यह जनवरी 2025 से प्रभावी होगी और कर्मचारियों को मार्च या अप्रैल 2025 के वेतन के साथ जनवरी और फरवरी का एरियर भी मिलेगा। हालांकि, कम वृद्धि के कारण इस बार एरियर की राशि भी कम होगी।
कर्मचारियों की प्रतिक्रिया
महंगाई भत्ते में 2 प्रतिशत की कम वृद्धि की संभावना से कर्मचारियों में निराशा देखी जा रही है। कई कर्मचारी संगठनों ने इस पर चिंता व्यक्त की है, और सरकार से अधिक वृद्धि की मांग की है। उनका तर्क है कि वास्तविक महंगाई को देखते हुए 2 प्रतिशत की वृद्धि पर्याप्त नहीं है और इससे उनकी आर्थिक स्थिति पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा।
हालांकि, सरकारी सूत्रों का कहना है कि डीए में वृद्धि एआईसीपीआई आंकड़ों के आधार पर एक निर्धारित फॉर्मूला के अनुसार की जाती है, और इसमें किसी प्रकार के बदलाव की संभावना नहीं है। वे इस बात पर जोर देते हैं कि महंगाई भत्ते का उद्देश्य कर्मचारियों को महंगाई के प्रभाव से राहत प्रदान करना है, और यदि महंगाई की दर में कमी आई है, तो डीए में कम वृद्धि उचित है।
महंगाई भत्ते में 2 प्रतिशत की वृद्धि पिछले सात सालों में सबसे कम है, और यह कर्मचारियों के लिए एक बड़े झटके के रूप में सामने आया है। हालांकि, यह वृद्धि एआईसीपीआई आंकड़ों के आधार पर निर्धारित की गई है, जो महंगाई की वास्तविक स्थिति को दर्शाते हैं। कर्मचारियों को इस कम वृद्धि के साथ समायोजन करना होगा, और आशा है कि अगली बार यदि महंगाई की दर में वृद्धि होती है, तो डीए में भी अधिक वृद्धि की जाएगी।
सरकार से अपेक्षा की जाती है कि वह जल्द ही डीए हाइक पर अंतिम निर्णय लेगी और इसकी आधिकारिक घोषणा करेगी। इस बीच, कर्मचारियों और पेंशनर्स को धैर्य बनाए रखना होगा और सरकार के निर्णय का इंतजार करना होगा।
Disclaimer
यह लेख केवल सूचनात्मक उद्देश्यों के लिए है। डीए हाइक से संबंधित आंकड़े और जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से ली गई है, और इनमें परिवर्तन हो सकता है। अंतिम और आधिकारिक जानकारी के लिए सरकारी अधिसूचनाओं और प्रेस विज्ञप्तियों का संदर्भ लें। लेखक इस लेख में दी गई जानकारी के आधार पर लिए गए किसी भी निर्णय के लिए जिम्मेदार नहीं है।