8th Pay Commission: केंद्र सरकार ने 8वें वेतन आयोग के गठन को जनवरी 2025 में मंजूरी दे दी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली कैबिनेट ने इस महत्वपूर्ण निर्णय को स्वीकृति दी है। इस फैसले से करीब 50 लाख केंद्रीय कर्मचारी और 65 लाख पेंशनभोगी लाभान्वित होंगे। 8वें वेतन आयोग के लिए जल्द ही एक अध्यक्ष और दो सदस्यों की नियुक्ति की जाएगी। सरकार इसकी गठन प्रक्रिया में तेजी ला रही है ताकि जल्द से जल्द इसकी सिफारिशें लागू की जा सकें।
वेतन में होगी बंपर बढ़ोतरी
8वें वेतन आयोग के लागू होने के बाद केंद्रीय कर्मचारियों की बेसिक सैलरी में भारी वृद्धि होने की संभावना है। विशेषज्ञों का मानना है कि फिटमेंट फैक्टर 2.08 के हिसाब से कर्मचारियों की न्यूनतम मूल वेतन 18,000 रुपये से बढ़कर 37,440 रुपये हो सकता है। इसी प्रकार, पेंशनर्स की न्यूनतम पेंशन 9,000 रुपये से बढ़कर 18,720 रुपये तक पहुंच सकती है। यह वेतन में 108 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है।
अगर फिटमेंट फैक्टर 2.86 तक जाता है, तो कर्मचारियों के वेतन में 186 प्रतिशत की बढ़ोतरी हो सकती है। इससे न्यूनतम वेतन 18,000 रुपये से बढ़कर 51,480 रुपये और न्यूनतम पेंशन 9,000 रुपये से बढ़कर 25,740 रुपये तक पहुंचने की संभावना है। यह बढ़ोतरी कर्मचारियों की क्रय शक्ति को बढ़ाने और उन्हें वर्तमान महंगाई से राहत देने में मदद करेगी।
महंगाई भत्ता होगा जीरो
8वें वेतन आयोग के लागू होने के बाद एक महत्वपूर्ण बदलाव यह होगा कि कर्मचारियों का महंगाई भत्ता (DA) जीरो हो जाएगा। नए वेतन आयोग की सिफारिशें लागू होने के बाद महंगाई भत्ता फिर से शुरू होगा और हर छह महीने में संशोधित किया जाएगा। यह संशोधन महंगाई दर के नवीनतम आंकड़ों के आधार पर होगा। इसके अलावा, कुछ गैर-जरूरी भत्तों में कटौती की जा सकती है, जबकि अन्य भत्तों में वृद्धि की संभावना है।
कब लागू होंगी सिफारिशें?
पहले यह अनुमान था कि 8वें वेतन आयोग की सिफारिशें 1 जनवरी 2026 से लागू की जाएंगी। हालांकि, अभी तक आयोग के गठन की तारीख की घोषणा नहीं हुई है। विशेषज्ञों का मानना है कि 1 जनवरी 2026 से इसे लागू करना मुश्किल हो सकता है और इसमें कुछ देरी हो सकती है। नवीनतम जानकारी के अनुसार, 8वां वेतन आयोग अप्रैल 2026 से प्रभावी हो सकता है।
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव के अनुसार, सरकार ने 8वें वेतन आयोग की घोषणा करीब एक साल पहले ही कर दी है और इसे लागू करने के लिए पर्याप्त समय है। हालांकि, अभी तक संदर्भ की शर्तों (टर्म्स ऑफ रेफरेंस) की घोषणा नहीं की गई है, जिससे कि आयोग के कार्य का दायरा स्पष्ट हो सके।
फिटमेंट फैक्टर क्या है?
फिटमेंट फैक्टर एक ऐसा गुणांक है जिससे मूल वेतन को गुणा करके नया वेतन निर्धारित किया जाता है। 7वें वेतन आयोग में यह फैक्टर 2.57 था, जिसके कारण कर्मचारियों के वेतन में 157 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी। 8वें वेतन आयोग में यह फैक्टर 2.08 से 2.86 के बीच होने की संभावना है, जिससे कर्मचारियों के वेतन में 108 से 186 प्रतिशत तक की वृद्धि हो सकती है।
फिटमेंट फैक्टर का निर्धारण महंगाई दर, आर्थिक स्थिति, सरकारी खजाने पर पड़ने वाले बोझ और अन्य कई कारकों के आधार पर किया जाता है। यह कर्मचारियों के वेतन संशोधन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।
राज्यों पर भी होगा प्रभाव
हालांकि 8वां वेतन आयोग केंद्रीय कर्मचारियों के लिए लागू होगा, लेकिन इसका प्रभाव राज्य सरकारों के कर्मचारियों पर भी पड़ेगा। आमतौर पर, केंद्र सरकार के वेतन आयोग की सिफारिशों को राज्य सरकारें भी अपने कर्मचारियों के लिए देर-सवेर लागू कर देती हैं। इससे राज्य सरकारों के कर्मचारियों को भी समान लाभ मिलने की उम्मीद है।
सरकारी बजट में प्रावधान
अभी तक केंद्र सरकार ने अपने बजट में 8वें वेतन आयोग के लिए कोई विशेष प्रावधान नहीं किया है। यह इंगित करता है कि इसकी सिफारिशें इस वित्तीय वर्ष में लागू होने की संभावना कम है। नए वेतन आयोग के लागू होने से सरकारी खजाने पर काफी अतिरिक्त बोझ पड़ेगा, जिसके लिए वित्तीय योजना बनाना आवश्यक होगा।
8वां वेतन आयोग केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए एक महत्वपूर्ण घटना है। इससे उनके वेतन और पेंशन में भारी वृद्धि होने की उम्मीद है, जो उनके जीवन स्तर को सुधारने में मदद करेगी। हालांकि इसके लागू होने में कुछ समय लग सकता है, लेकिन यह सुनिश्चित है कि सरकार इस दिशा में कार्य कर रही है। कर्मचारियों को थोड़ा और धैर्य रखना होगा, क्योंकि अच्छे परिणामों के लिए समय लगता है।
यह लेख सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त जानकारी पर आधारित है। वेतन आयोग की अंतिम सिफारिशें और उनके कार्यान्वयन की तारीखें सरकारी निर्णयों के अधीन हैं और बदल सकती हैं। पाठकों को सलाह दी जाती है कि वे अपडेट के लिए आधिकारिक सरकारी सूचनाओं का अनुसरण करें।